थोड़े से सुख के लिए,…क्यों करते हो पाप,
दंड कुकर्मों का मिले ,…..तब होगा संताप,
तब होगा संताप,….कष्ट फिर निश्चित पाएं,
कई जन्म तक आप,पाप का मूल्य चुकाएं,
अभी समय है मूर्ख,पाप अब भी जो छोड़े,
छोड़ छाड़ सब पाप,.पुण्य तू कर ले थोड़े।
दंड कुकर्मों का मिले ,…..तब होगा संताप,
तब होगा संताप,….कष्ट फिर निश्चित पाएं,
कई जन्म तक आप,पाप का मूल्य चुकाएं,
अभी समय है मूर्ख,पाप अब भी जो छोड़े,
छोड़ छाड़ सब पाप,.पुण्य तू कर ले थोड़े।
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