यश फैलाया~
आज पत्रकारिता
दिवस आया
आज पत्रकारिता
दिवस आया
चौथा है स्तम्भ~
देखो पत्रकारिता
करती स्तब्द्ध
बदला दौर~
ये पत्रकारिता की
कैसी है भोर
सच बोलती~
देखो पत्रकारिता
राज खोलती
नही रूकती~
पत्रकारिता कभी
नही झुकती
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