।।महाराणा प्रताप।। – निर्मल जैन ‘नीर’

 मेवाड़ी शान~
राणा प्रताप पर
है अभिमान

राणा प्रताप~
कोई सह न पाया
उनका ताप

डिगा न सका~
अकबर राणा को
झुका न सका

राणा अमर~
दुश्मन भी काँपता
था थर-थर

बढ़ाया मान~
कुट-कुट के भरा
था स्वाभिमान

समर खड़ा~
स्वामी भक्त चेतक
युद्ध था लड़ा

झुकता माथा~
माटी के कण-कण
में शौर्य गाथा

Post a Comment

0 Comments