बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में चार दोस्त रहती थीं। वे सब अपने-अपने बेटों से बहुत प्यार करती थीं और उनकी खूब तारीफ करती थीं। एक दिन, वे चारों कुएँ पर पानी भरने गईं। जब वे घड़े में पानी भर रही थीं, तो आपस में इधर-उधर की बातें करने लगीं।
थोड़ी देर बाद, उन्होंने अपने-अपने बेटों की तारीफ करना शुरू कर दिया।
पहली महिला बोली, "मेरा बेटा तो काशी से पढ़कर आया है! वह संस्कृत का बहुत बड़ा विद्वान बन गया है। उसे मोटी-मोटी किताबें मुँह ज़ुबानी याद हैं और अब तो वह एक बड़े कॉलेज में प्रोफेसर भी है!"
दूसरी महिला बोली, "अरे वाह! मेरा बेटा तो विज्ञान की पढ़ाई करके वैज्ञानिक बन गया है। मुझे पक्का विश्वास है कि एक दिन वह दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक बनेगा!"
तीसरी महिला ने कहा, "मेरे बेटे ने भी बहुत अच्छी पढ़ाई की है। वह एक शिक्षक बन गया है और पास के गाँव के स्कूल में पढ़ाने जाता है। बच्चे उसे बहुत पसंद करते हैं।"
चौथी महिला यह सब चुपचाप सुन रही थी, लेकिन उसने अपने बेटे के बारे में कुछ नहीं बोला।
बाकी महिलाओं से रहा नहीं गया और उन्होंने चौथी महिला से पूछा, "बहन, तुम भी तो बताओ कि तुम्हारा बेटा आजकल क्या कर रहा है?"
चौथी महिला ने थोड़ा शर्माते हुए और धीमी आवाज़ में कहा, "मेरा बेटा ज़्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है। वह खेतों में काम करता है।"
यह सब बात करने के बाद, वे चारों महिलाएँ अपने पानी के घड़े सिर पर रखकर घरों की ओर चलने लगीं।
तभी, पहली महिला का बेटा सामने से आता दिखाई दिया। उसने अपनी माँ और दूसरी महिलाओं को नमस्ते किया और आगे चला गया। इसी तरह, दूसरी और तीसरी महिला के बेटे भी रास्ते में मिले। उन्होंने भी सभी को नमस्ते किया और आगे बढ़ गए।
थोड़ी देर बाद, चौथी महिला का बेटा दूर से आता दिखाई दिया। जब उसने देखा कि उसकी माँ सिर पर पानी का भारी घड़ा लेकर आ रही है, तो वह दौड़कर उनके पास आया। उसने झट से अपनी माँ के सिर से घड़ा उतार लिया और बोला, "माँ! तुम क्यों चली आईं? मुझे कह दिया होता, मैं आकर ले जाता!" यह कहकर उसने घड़ा अपने सिर पर रख लिया और घर की ओर चल दिया।
यह देखकर बाकी तीनों महिलाएँ हैरान रह गईं!
कहानी से सीख (Moral of the story): यह कहानी हमें सिखाती है कि ज़िंदगी में केवल किताबों का ज्ञान ही काफी नहीं होता है। बच्चों में अच्छा व्यवहार और दूसरों की मदद करने का ज्ञान भी बहुत ज़रूरी है। असली ज्ञान वह है जिसका उपयोग हम इस दुनिया में सही तरीके से कर सकें और अच्छे इंसान बन सकें।
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