एक समय की बात है, एक राजा थे जो बहुत ही कड़वा बोलते थे। वे हर किसी को गाली देते थे, ताने मारते थे और धमकाते भी थे! उनके सामने कोई कुछ बोल ही नहीं पाता था।
एक दिन राजा ने अपने दरबारियों से कहा, "जो भी आदमी जिस चीज़ को सबसे बुरा समझता है, उसे मेरे पास लेकर आए!"
अगले दिन, कोई तो कूड़ा-कचरा उठा कर लाया। किसी ने कीचड़ या सड़ी-गली चीज़ें लाकर रख दीं। लेकिन एक बहुत ही समझदार आदमी था। वह एक मरे हुए आदमी की जीभ काट कर ले आया।
राजा ने उस जीभ को देखकर हैरानी से पूछा, "इसमें क्या बुराई है?"
उस समझदार आदमी ने कहा, "महाराज! सारी बुराइयों की जड़ तो यही जीभ है! अगर तलवार से कोई कट जाए, तो उसका इलाज हो सकता है, पर जब कोई कड़वी बात इस जीभ से निकलती है, तो दिल पर ऐसा घाव होता है, जिसका कोई इलाज नहीं होता।"
यह सुनकर राजा को थोड़ी शर्म आई। उन्हें लगा कि सबसे कड़वा तो वही बोलते हैं! पर वे चुप रहे।
अगले दिन, राजा ने अपने दरबारियों से फिर कहा, "अब जो भी आदमी जिस चीज़ को सबसे अच्छा समझता है, उसे मेरे पास लेकर आओ!"
अगले दिन, कोई घी लाया, कोई चीनी लाया, कोई शहद लाया, तो कोई सुंदर फूल लेकर आया।
लेकिन वही समझदार आदमी आज फिर से एक मरे हुए आदमी की जीभ काट कर ले आया!
राजा हैरान हो गए और बोले, "अरे! तुम तो कल कह रहे थे कि जीभ सबसे बुरी चीज़ है। और आज जब मैंने सबसे अच्छी चीज़ लाने को कहा, तो तुम फिर से जीभ ही ले आए?"
उस आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा, "महाराज! जीभ सबसे बुरी चीज़ भी है, और सबसे अच्छी चीज़ भी यही है! जब यह मीठा बोलती है, लोगों का सम्मान करती है, प्यार से बात करती है, भगवान का नाम लेती है, तो इससे अच्छी कोई चीज़ हो ही नहीं सकती!"
उसने आगे कहा, "इसलिए महाराज, अपनी जीभ का सही तरीके से इस्तेमाल करें। याद रखिए, जीभ पर अगर चोट लग जाए, तो वह जल्दी ठीक हो जाती है, पर जीभ से बोली हुई कड़वी बात ज़िंदगी भर नहीं भूलती!"
राजा को उस समझदार दरबारी की बात अच्छे से समझ आ गई। उस दिन से राजा ने कड़वी बातें बोलना छोड़ दिया और मीठा बोलने लगे।
कहानी से सीख:
हमारी जीभ बहुत ताकतवर होती है।
मीठी बातें दिल को जीत लेती हैं।
कड़वी बातें दिल को चोट पहुँचाती हैं।
इसलिए, हमेशा सोच-समझकर और प्यार से बोलना चाहिए!
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