दिल में दबे हैं राज जो गहरे की बात है
आंखों में कब से आंसू जो ठहरे की बात है
आंखों में कब से आंसू जो ठहरे की बात है
तुम पूछते हो किसकी बात है तो फिर सुनो
जिस पर फिदा थे हम उसी चेहरे की बात है
कबूतर उड़ाए इश्क के हमको गिला नहीं
उन पर लगाए आपने पहरे की बात है
एक वार तो सह जाते, मगर उसने आंखों से
हम पर किए थे वार जो दोहरे की बात है
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