कोई गीत गाएं – अश्वनी राघव “रामेंदु”

 चलो मिलकर कोई गीत गाएं,

हारे हुए का हौसला बन जाएं,
फूल बनकर अब खिलें हम तुम,
घर आंगन सबका महकाएं,
चलो मिलकर कोई गीत गाएं।

रूठे हुए को हम गले लगाएं,
हंसें बोलें और सब मुस्कुराएं,
चिड़ियों सा चहक-चहक कर,
ऋतु बसंत को हम बुलाएं,
चलो मिलकर कोई गीत गाएं।

मिलेगी मंजिल यकीनन सभी को,
सफर का पहला कदम बन जाएं,
सभी के लिए विनती करें हम,
दुआ का पहला शब्द बन जाएं,
चलो मिलकर कोई गीत गाएं।

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