डा‌‌ मीना कौशल, गोण्डा

 

तेरी ही रजा में भला है हमारा। 

तू सर्वदर्शी सभी का सहारा।।

सही बन्द राहें ये मन जब भी हारा।

सदा हाथ पकड़ा दुखों से उबारा।।

कभी आर्त हो जब हृदय से पुकारा।

दिया नाथ केवल तुम्हीं ने सहारा।।

मझधार में नाव नाविक हमारा।

कृपा सिन्धु आकर बनो तुम सहारा।।

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