तुम मुझे ग़म से चूर मत रखना
तुम मुझे ख़ुद से मत रखना
साफ़ कह देना गर मोहब्बत हो
यानि फिर जी हुज़ूर मत रखना
ग़म ही काफी है ज़ीस्त जी लेंगे
तुम कोई और सुरुर मत रखना
बात कोई लगे तो कह देना
ना कहो यूं गुरुर मत रखना
मुश़्क़ है इश़्क़ बात सच्ची है
ख़ास कोई या अतूर मत रखना
मिले शाह जी तुम्हीं तो मोहसिन हो
कभी दिल में फितूर मत रखना
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