(१)
किसी से की गई उम्मीदें मन में टूट जाती है
जवानी आज कल हमसे भी अकसर रूठ जाती है
कभी हम कह नहीं पाते, कभी वो सुन नहीं पाते
मुहब्बत की कहानी सब अधूरी छूट जाती है
(२)
हमें बुझता हुआ दीपक जलाना तो पड़ेगा ही
नदी को भी समंदर से मिलाना तो पड़ेगा ही
जो हमसे रूठ जाता हो, जो हमको ना बुलाता हो
हमारा फर्ज़ है उसको बुलाना तो पड़ेगा ही
(३)
जला के दीप को तुने सितारा कर लिया होता
मेरी हर बात उलफ़त में गवारा कर लिया होता
ज़माना छोड़ कर उस दिन तुम्हारे पास आ जाता
अगर तूने मुझे उस दिन इशारा कर लिया होता
(४)
अगर तू चाँद है तो फिर सितारे ही रहेंगे हम
तुम्हारी इन निगाहों के नज़ारे ही रहेंगे हम
हमारी ज़िंदगी का एक ही मक़सद रहा अब तक
तुम्हारे थे, तुम्हारे है, तुम्हारे ही रहेंगे हम
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