चाँद तारे साथ हो तो, चमचमाती चांदनी
दीप बाती से मिले तो, झिलमिलाती रोशनी
जो कुंवारी सी नदी की, सागरो से दिल्लगी
आशिकी के बिन सदा ही, ये अधुरी जिन्दगी
राग ये अनुराग का ही ,आज अंग -अंग में
दीप ऐसे जगमगाए चांदनी के संग में
बादलों को बस खुशी हैं, खेत के गुलजार से
गर्मियाँ इठला रही हैं तपतपाते थार से
शीत में मनमीत मिलते, प्रीत की रसधार से
स्वर्ग का एहसास ऐसा,हैं अलोकिक प्यार से
भा गया हुडदंग जैसे, भंग की तरंग में
दीप ऐसे जगमगाएं चांदनी के संग में
दीप प्यारा आंगन के भाग में जो मिला,
सांस में आकाश भर हो जो घुल गई हो कोकिला,
श्याम को राधा मिली हो, बाँसुरी का सुर मिला
या लखन के साथ झुला झुलती हो उर्मिला
यों हिलोरे ले रहे हैं,ख्वाब देखो गंग में
दीप ऐसे जगमगाएं चांदनी के संग में
मन हरा हो या गुलाबी फ़ुल तितली रंग में
दीप ऐसे जगमगाएं चाँदनी के संग में
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