राजा को उसका रोना अच्छा लगा,
उसको गर्व हुआ खुद पर,
उसके राज्य में है अभिव्यक्ति की आजादी।उसको गर्व हुआ खुद पर,
उसने करवा दी मुनादी,
सभी रोने के लिए आज़ाद हैं,
सभी को अवसर दिया जाएगा।
रोने वाले पर हँसा भी जा सकता है,
चीखना और सवाल पूछना ,
अभी भी मना है।
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