ये सावन- भादों की,
काली घटनाएं,
रिमझिम बारिश,
नदी का किनारा,
झरनों का संगीत,
झील का ऊफान,
मनोहर हरियाली,
देखकर साजन,
जाना चाहते हो,
काव्य यात्रा प्रवास पर,
बना रहे हो योजना,
देव स्थान,वन भ्रमण की,
अपनों इष्ट मित्रों के साथ,
दाल- बाटी चूरमा की दावत उडाने की,
काव्य की रसधारा बहाने की,
पर मैं रोज देख रही हूं,
लगातार, रात दिन काम करते हुए,
रसोई से, बेडरूम से, छत से,
पर्दे व घूंघट की ओट से
काली घटाओं की ओट से,
तुम्हें योजना बनाते हुए,
कभी मुझे भी तो साथ लो साजन,
मेरी सौतन कविता के साथ,
मैं देखना चाहती हूं,
कैसे करते हो सवारी,
दो नावों में बैठकर,
आखिर मैं भी तो देती हूं,
प्रेरणा काव्य रचने की,
मुझे बिसरा कर क्या,
आनंद ले पाओगे,
वन भ्रमण का,
यात्रा प्रवास गोष्ठी का।।🙏
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