शाहजहां का दिल जो पाता
सर आंखों पर तुझे बिठाता
पर मजबूरी बहुत बड़ी है
तूं मुमताज बनी खड़ी है
सर को छत और पेट को रोटी
शुद्ध हवा और तन को धोती
जुटा जुटाकर हार गया हूं
जिंदा मन को मार रहा हूं
भोजन जुटा पाना है मुश्किल
संगमरमर जुटाऊं कैसे
ताजमहल बनवाऊं कैसे
ताजमहल बनवाऊं कैसे
सर आंखों पर तुझे बिठाता
पर मजबूरी बहुत बड़ी है
तूं मुमताज बनी खड़ी है
सर को छत और पेट को रोटी
शुद्ध हवा और तन को धोती
जुटा जुटाकर हार गया हूं
जिंदा मन को मार रहा हूं
भोजन जुटा पाना है मुश्किल
संगमरमर जुटाऊं कैसे
ताजमहल बनवाऊं कैसे
ताजमहल बनवाऊं कैसे
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