लौ पुरुष - नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

अभ्युदय सोच नैतिक 

मूल्यों निर्विकार 

निःस्वार्थ परमार्थ।।


जीवन संघर्षो से तपता

फौलाद मानव मोम 

पत्थर अडिग चट्टान।।


साधारण असाधारण

सम्भव असंभव जीवन

यात्रा मानव मूल्य

मूल्यवान।।


गांधी सत्य अहिंसा 

पुजारी गर्मी ज्वाला 

खून आजादी सुभाष।।


कानून पंडित मानवता 

सजग प्रहरी सरदार

अन्याय अत्याचार 

प्रखर प्रतिकार।।


दृढ़ निश्चयी उद्देश्य पथ 

पथिक अविरल अविराम

परतंत्र राष्ट्र माँ भारती अश्रु

वेदना का आग अंगार।।


बीर धीर गंभीर धीर

धैर्य कर्म क्रांति राष्ट्र

गौरव गरिमा महिमा

का बल्लभ शौर्य 

शंख नाद ।।     


खंड खंड में खंडित 

वसुंधरा का बीरोचित

बैभव अखंडता का

वर्तमान गौरव शाली

प्रेरक प्रेरणा महान।।


मिथक  ध्वस्त करता

यथार्त यसस्वी राष्ट्र 

भक्त  राष्ट्र का गौरव 

गान।।


भेद भाव ऊंच नीच का

समतल समता समरस

भाव पटेल मर्यादा मान।।


सरदार वल्लभ पटेल 

भारत भूमि का कण कण

पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण

कन्या कुमारी कश्मीर

 गर्व मुकुट भाल।।                            


हे भारत अखंड अक्षुण

संप्रभुता सत्ता मनीषी

हम दे ही क्या सकते 

आपको?


आस्था श्रद्धा से नत 

मतमस्तक हो करते है 

प्रणाम।।


मजबूत इरादों दूर दृष्टि

मानवता राष्ट्रीयता मानक 

लौह पुरुष सरदार भारत 

 पीढ़ी अतीत वर्तमान 

अभिमान।।


नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

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