चोरी की रचना पढ़ें,....कवि जो बनें महान,
वे अपनी छवि का नहीं,करें ज़रा भी ध्यान,
करें ज़रा भी ध्यान,काव्य चोरी का पढ़कर,
देते रहते तर्क,.....कुतर्कों को फिर गढ़कर,
करें न चिंता एक, .कि हरकत रहे छिछोरी,
पाने झूठा मान,......करें कविता की चोरी।
चोरी की रचना पढ़ें,....कवि जो बनें महान,
वे अपनी छवि का नहीं,करें ज़रा भी ध्यान,
करें ज़रा भी ध्यान,काव्य चोरी का पढ़कर,
देते रहते तर्क,.....कुतर्कों को फिर गढ़कर,
करें न चिंता एक, .कि हरकत रहे छिछोरी,
पाने झूठा मान,......करें कविता की चोरी।
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