हर वर्ष आती बरसात - नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

हर वर्ष आती बरसात का 

हर्ष कहीं विषाद लाती बरसात।।


तपन की अगन से मुक्त कराती

रिमझिम फुहारों से जीवन के भाव!!


उत्साह जगाती बरसात।।

कड़कती बिजली बादल में सूरज

छिप जाता आशा विश्वास जगाती

बरसात।।


सुखी धरती हृदय की हरियाली

खुशहाली का संदेस सुनाती बरसात।।


दादुर और पपीहा का स्वर 

नाचते मोर प्रकृति प्राणि सामंजस्य का राग सुनाती बरसात।।


फुहार झम झम छम छम बरसात अंगिया चुनरी भीगे प्यासी कली पिया सागर से मिलन की  चाह बरसात ।।


कागज की नाव बारिस का पानी

भीगना बचपन की मस्ती बरसात।।


गांव किसान की आशा विश्वाश

हरा भरा गांव ऊम्मीदो की बूंद बूंद बरसात।।


नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश!!

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